DICSC Center Project Miety New Scheme | CSC की तरह खुलेंगे हर गांव में एक DICSC सेंटर VLE Society: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने डिजिटल इंडिया कॉमन सर्विस सेंटर (DICSC) परियोजना को लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य डिजिटल डिवाइड को पाटते हुए ग्रामीण नागरिकों को वित्तीय, वाणिज्यिक और ई-गवर्नेंस सेवाएं प्रदान करना है। इस परियोजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और गोरखपुर जिलों से होगी। इसका बजट 3,160.88 लाख रुपये निर्धारित किया गया है, और इसे शुरुआती छह महीनों के लिए लागू किया जाएगा, जिसे नौ महीने तक बढ़ाया जा सकता है।
इस पोस्ट में क्या है?
DICSC का उद्देश्य और प्राथमिक सेवाएं
DICSC का मुख्य उद्देश्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तैयार करना है जो ग्रामीण भारत के नागरिकों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करता है। यह पहल भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं को मजबूत करेगी, जिससे इन स्थानों में रहने वाले लोगों को बैंकिंग, ई-कॉमर्स, टेलीमेडिसिन, टेली-लॉ और शैक्षिक सेवाओं का लाभ मिलेगा।
इस परियोजना के तहत कुल 4,740 केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से अकेले पीलीभीत में 720 और गोरखपुर में 1,273 केंद्र होंगे। अन्य जिलों जैसे छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र), चंबा (हिमाचल प्रदेश), खम्मम (तेलंगाना), गांधीनगर (गुजरात), ममित (मिजोरम), जोधपुर (राजस्थान), लेह (लद्दाख), और पुडुचेरी में भी DICSC Center Project Miety New Scheme स्थापित किए जाएंगे।
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा
DICSC केंद्रों को हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से लैस किया जाएगा, जिससे वे बहु-कार्यात्मक सेवा केंद्रों के रूप में कार्य कर सकें। ग्रामीण स्तर के उद्यमियों (वीएलई) के माध्यम से संचालित इन केंद्रों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
प्रत्येक DICSC केंद्र आधार पंजीकरण, वित्तीय सेवाओं, और शिक्षा के अतिरिक्त टेलीमेडिसिन और टेली-लॉ जैसी सेवाएं भी प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य डिजिटल सेवाओं की पहुंच को हर व्यक्ति तक सुनिश्चित करना है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां तक अब तक ये सुविधाएं नहीं पहुँच पाई हैं।
उपलब्ध सेवाए (Available Services)
- आधार पंजीकरण
- बैंकिंग
- वित्तीय योजना
- टेली लॉ
- टेलीमेडिसिन
- शिक्षा
- इकॉमर्स
- हाई स्पीड इंटरनैट
- आदि G2C and B2C सर्विसेज
देशभर में केंद्रों का विस्तार
DICSC परियोजना के अंतर्गत देश के दस जिलों में लगभग सभी ग्राम पंचायतों में एक मॉडल DICSC केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिसके तहत कुल 4,740 केंद्र खोले जाएंगे। इन जिलों में शामिल हैं:
- पीलीभीत (उत्तर प्रदेश): 720 केंद्र
- गोरखपुर (उत्तर प्रदेश): 1,273 केंद्र
- छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र): 870 केंद्र
- चंबा (हिमाचल प्रदेश): 309 केंद्र
- खम्मम (तेलंगाना): 589 केंद्र
- गांधीनगर (गुजरात): 288 केंद्र
- ममित (मिजोरम): 100 केंद्र
- जोधपुर (राजस्थान): 415 केंद्र
- लेह (लद्दाख): 95 केंद्र
- पुडुचेरी: 81 केंद्र
तकनीकी निगरानी और मोबाइल वैन सेवा
इस परियोजना का प्रबंधन और केंद्रीकृत तकनीकी निगरानी CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, सरकारी योजनाओं को गाँव-गाँव तक पहुंचाने और सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए जीपीएस-सक्षम मोबाइल वैन भी तैनात की जाएंगी। इससे न केवल सेवा वितरण में पारदर्शिता आएगी, बल्कि ग्रामीण नागरिकों को आवश्यक डिजिटल सेवाएं भी मिलेंगी।
ग्रामीण विकास और आर्थिक सशक्तिकरण
DICSC परियोजना से डिजिटल साक्षरता में वृद्धि होने की उम्मीद है। स्थानीय उद्यमियों को डिजिटल सेवाओं के माध्यम से सशक्त बनाकर, इस परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जाएगा और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाकर इस पहल का उद्देश्य पीलीभीत और गोरखपुर के नागरिकों को व्यापक डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ना है।
स्थानीय विकास और रोजगार सृजन
DICSC परियोजना का उद्देश्य ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) को सशक्त बनाना और उनके माध्यम से स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। इस पहल से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
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