Unique Land Parcel Identification Number: दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है! कि गाँव में अक्सर जमीन को लेकर बहुत सारे लड़ाई-झगड़े चलते रहते है! तो अब केंद्र सरकार ने इस लड़ाई-झगड़े को खत्म करने के लिए एक सलूशन निकाला है! अब सरकार सभी लोगों क आधार कार्ड की तर्ज पर जमीन का भी आधार कार्ड बनवा रही है! जो जमीन का आधार कार्ड बनाया जाएगा! उसे भू-आधार कार्ड के नाम से जाना जाएगा!
अब पूरी जमीन का लोगों की डिजिटली रिकॉर्ड रखा जाएगा! जिससे कि जमीन से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान जल्द मिलेगा! Bhu-Aadhaar में जमीन का नक्शा, Jio टैगिंग, जमीन को खरीदने व बेचने का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल तौर पर रखा जाएगा! यहाँ पर आपको हम यह भी जानकारी देने वाले है! कि आप कहाँ से भू-आधार कार्ड बनवा पाएंगे!
Bhu-Aadhaar
आपको बता दें! कि हर जमीन के लिए Unique Land Parcel Identification Number (ULPIN) System 14 अंकों की एक अल्फा-न्यूमेरिक यूनिक आईडी है! जोकि Parcel के ऊपर निर्देशांक (Latitude & Longitude) पर आधारित है! भू-आधार प्रणाली को लगभग 29 राज्यों में 31 दिसंबर 2023 तक लागू कर दिया गया है!
23 जुलाई 2024 को माननीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद के बजट पेश करके अब भू-आधार प्रणाली को गति प्रदान की है! राज्य सरकार को प्रणाली का जिम्मा दिया गया है! आपको बता दें! कि इस सिस्टम को पूरे देश में अंतर्राष्ट्रीय मानकों में (ECCMA) व (OGC) का पालन करते हुए लागू किया जा रहा है!
Benefits Of Bhu-Aadhaar भू-आधार के फायदे
- भू-आधार कार्ड बन जाने से जो जमीन से जुड़े विवाद होते रहते है! इनसे झुटकारा मिलेगा!
- जमीन के मालिक का नाम व उसका विवरण वर्तमान समय में!
- जमीन बेचने में आसानी आसानी हो जाएगी!
- और जमीन की सेटेलाइट से जिओटैगिंग होगी!
- भू-आधार बनने से जमीन पर अगर लोन लेना होगा! तो लोन आसानी से मिल जाएगा!
- जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड होगा!
- जमीन से जुड़े मामलो में हो रहे भ्रष्टाचार खत्म होंगे!
Bhu-Aadhaar Kaise Banaye
सभी राज्यों में भू-आधार बनाने के लिए आवेदन शुरू हो गए है! भू-आधार कार्ड ब्नावने के लिए आपको कहीं भी नहीं जाना पड़ेगा! न ही आपको Online आवेदन करने की जरूरत पड़ेगी! केंद्र सरकार द्वारा भू-आधार बनाने के लिए सभी राज्यों को आदेश दे दिया गया है!
राज्य सरकार Bhu-Aadhaar Card बनाने के लिए प्रत्येक गाँव में कैंप लगाकर किसान का डाटा कलेक्ट होगा! आपके भूमि का मापन ड्रोन व सेटलाइट की मदद से मापन होगा! और उस डाटा को डिजिटलाइज कर कार्ड के रूप में प्रत्येक नागरिक को निशुल्क दिया जाएगा!
यह भी देखें: अब जमीन का भी बनेगा भू-आधार कार्ड
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